जॉन ड्राइडन की जीवनी | Biography of John Dryden in Hindi
नमस्कार दोस्तों, आज हम जॉन ड्राइडन के विषय पर जानकारी देखने जा रहे हैं।
नाम : जॉन ड्राइडन ।
• जन्म : 19 अगस्त 1631, एल्ड्विनकल, नॉर्थम्पटनशायर, इंग्लैंड ।
• पिता : इरास्मस ड्राइडन ।
• माता : मैरी पिकरिंग ।
• पत्नी/पति : ताओ ली, लियू ज़िया ।
मुझे आपको 17वीं शताब्दी के एक प्रमुख अंग्रेजी कवि, नाटककार और आलोचक जॉन ड्राइडन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने में खुशी होगी। जॉन ड्राइडन के जीवन, कार्यों और महत्व का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करूँगा। यदि आपको अधिक विशिष्ट विवरणों की आवश्यकता है या कुछ पहलुओं के बारे में आपके कोई प्रश्न हैं, तो बेझिझक पूछें!
जॉन ड्राइडन (1631-1700)
जॉन ड्राइडन पुनर्स्थापना अवधि के दौरान एक अत्यधिक प्रभावशाली अंग्रेजी लेखक थे, जो कविता, नाटक, निबंध और अनुवाद सहित विभिन्न साहित्यिक रूपों में अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए जाने जाते थे। उन्हें अक्सर "अंग्रेजी आलोचना का जनक" और अपने समय के सबसे महत्वपूर्ण साहित्यकारों में से एक कहा जाता है।
प्रारंभिक जीवन:
9 अगस्त, 1631 को एल्डविंकल, नॉर्थम्प्टनशायर, इंग्लैंड में जन्म।
वेस्टमिंस्टर स्कूल और बाद में ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज में पढ़ाई की।
साहित्यिक कैरियर:
कविता: ड्राइडन की शुरुआती रचनाओं में "वीर पद" (1659) और "एनस मिराबिलिस" (1667) जैसे कविता संग्रह शामिल हैं, जो 1666 की घटनाओं के बारे में एक महाकाव्य कविता है।
नाटक: ड्राइडन ने "द वाइल्ड गैलेंट" (1663) और "द इंडियन एम्परर" (1665) जैसे उल्लेखनीय नाटकों के साथ, नाटकीय कार्यों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
व्यंग्य: वह अपने व्यंग्य कार्यों के लिए जाने जाते हैं, विशेष रूप से "अबशालोम और अचितोफेल" (1681), जो उनके समकालीन शख्सियतों पर हमला करने वाला एक राजनीतिक रूपक है।
अनुवाद: ड्राइडन एक कुशल अनुवादक थे, जिन्होंने वर्जिल के "एनीड" और जुवेनल के व्यंग्य जैसे कार्यों को अंग्रेजी कविता में प्रस्तुत किया।
पुरस्कार विजेता और बाद का कैरियर:
1668 में उन्हें इंग्लैंड के कवि पुरस्कार विजेता के रूप में नियुक्त किया गया, इस पद पर वे लगभग 40 वर्षों तक रहे।
शाही अवसरों और आयोजनों के लिए क़सीदे और प्रशस्तियाँ लिखीं।
साहित्यिक आलोचना:
ड्राइडन के आलोचनात्मक निबंध, जैसे "एन एसे ऑफ ड्रामेटिक पोएसी" (1668) और "ऑफ ड्रामेटिक पोएसी, एन एसे" (1668) ने अंग्रेजी साहित्यिक आलोचना के विकास में योगदान दिया।
नाटकों में छंद के प्रयोग की वकालत की और "वीर दोहे" को पसंदीदा काव्य रूप के रूप में प्रचारित किया।
धार्मिक और राजनीतिक बदलाव:
1685 में रोमन कैथोलिक धर्म में परिवर्तित हो गए, जिसका उस समय की कैथोलिक विरोधी भावनाओं के कारण उनके करियर पर प्रभाव पड़ा।
1688 की गौरवशाली क्रांति के साथ, जिसने इंग्लैंड में प्रोटेस्टेंटवाद की स्थापना की, ड्राइडन को अपने कैथोलिक विश्वास के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
बाद के कार्य:
अपने बाद के वर्षों में, ड्राइडन ने "फेबल्स, एंशिएंट एंड मॉडर्न" (1700) जैसे अनुवाद और चिंतनशील कार्यों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया।
परंपरा:
अंग्रेजी साहित्य पर जॉन ड्राइडन का प्रभाव गहरा है, विशेषकर विभिन्न साहित्यिक विधाओं में उनका योगदान और उनकी आलोचनात्मक अंतर्दृष्टि।
उन्होंने अंग्रेजी साहित्य के ऑगस्टान युग को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनके कार्यों ने अलेक्जेंडर पोप और सैमुअल जॉनसन सहित बाद के लेखकों को प्रभावित किया।
मौत:
जॉन ड्राइडन का 1 मई, 1700 को लंदन में निधन हो गया।
याद रखें, यह जॉन ड्राइडन के जीवन और उपलब्धियों का एक संक्षिप्त अवलोकन है। यदि आप विशिष्ट कार्यों, साहित्य में उनकी भूमिका या किसी अन्य पहलू में रुचि रखते हैं, तो बेझिझक अधिक विस्तृत जानकारी मांग सकते हैं। दोस्तों आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा। धन्यवाद ।
ड्राइडन ने कितने नाटक लिखे?
जॉन ड्राइडन ने अपने साहित्यिक जीवन के दौरान कुल 28 नाटक लिखे। इन नाटकों में कॉमेडी, त्रासदी, वीरतापूर्ण नाटक और ट्रेजिकोमेडी सहित विभिन्न शैलियाँ शामिल थीं। अपने समय के नाटकीय परिदृश्य में ड्राइडन का योगदान महत्वपूर्ण था, और उनके कार्यों ने पुनर्स्थापना अवधि के दौरान अंग्रेजी थिएटर के विकास को आकार देने में मदद की।
जॉन ड्राइडन का जन्म कब हुआ था?
जॉन ड्राइडन का जन्म 9 अगस्त 1631 को हुआ था।
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