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चोरला घाट की जानकारी | Chorla Ghat Information in Hindi

 चोरला घाट की जानकारी | Chorla Ghat Information in Hindi


नमस्कार दोस्तों, आज हम  चोरला घाट के विषय पर जानकारी देखने जा रहे हैं।  चोरला घाट भारत के पश्चिमी घाट में स्थित एक पहाड़ी दर्रा है। यह भारतीय राज्यों गोवा और कर्नाटक के बीच की सीमा है। यह घाट 35 किलोमीटर (22 मील) लंबा है और गोवा में वालपोई और कर्नाटक में मोलेम शहरों को जोड़ता है। घाट से होकर गुजरने वाली सड़क हेयरपिन मोड़ और हरी-भरी वनस्पतियों के साथ गोवा की सबसे सुंदर सड़कों में से एक है।


घाट का उच्चतम बिंदु समुद्र तल से 1,320 मीटर (4,330 फीट) ऊपर है। घाट एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, खासकर ट्रैकिंग और वन्य जीवन देखने में रुचि रखने वालों के लिए। घाट के किनारे कई झरने और दृश्य बिंदु हैं, साथ ही कई मंदिर और मठ भी हैं।


चोरला घाट की वनस्पति और जीव विविधतापूर्ण है। यह घाट सागौन, बांस और चंदन सहित विभिन्न प्रकार के पेड़ों का घर है। घाट में कई औषधीय पौधे भी पाए जाते हैं। चोरला घाट में वन्यजीवों में तेंदुए, बाघ, हाथी, बंदर और पक्षी शामिल हैं।


चोरला घाट की यात्रा का सबसे अच्छा समय मानसून के मौसम (जून से सितंबर) के दौरान है। यह तब होता है जब घाट अपने सबसे हरे-भरे स्थान पर होता है। हालाँकि, इस घाट पर साल के किसी भी समय जाया जा सकता है।


यहां कुछ चीजें दी गई हैं जो आप चोरला घाट में कर सकते हैं:


     ट्रैकिंग पर जाएं: चोरला घाट में आसान से लेकर कठिन तक कई ट्रैकिंग मार्ग हैं।

     भारत में चोरला घाट ट्रैकिंग ट्रेल एक नई विंडो में खुलता है


     भारत में चोरला घाट ट्रैकिंग ट्रेल

     झरनों की सैर करें: चोरला घाट में कई झरने हैं, जिनमें दूधसागर झरना भी शामिल है, जो भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है।


     भारत के चोरला घाट में दूधसागर जलप्रपात एक नई विंडो में खुलता है

     भारत के चोरला घाट में दूधसागर जलप्रपात

     पक्षियों को देखने जाएं: चोरला घाट पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। घाट में पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं।


     चोरला घाट, भारत में पक्षी अवलोकन एक नई विंडो में खुलता है

     चोरला घाट, भारत में पक्षी अवलोकन

     मंदिरों और मठों की यात्रा करें: चोरला घाट में कई मंदिर और मठ हैं, जिनमें महादेव मंदिर और मोल्लेम मठ शामिल हैं।


     भारत के चोरला घाट में महादेव मंदिर एक नई विंडो में खुलता है

     भारत के चोरला घाट में महादेव मंदिर

     दृश्यों का आनंद लें: चोरला घाट का दृश्य अत्यंत अद्भुत है। घाट पर गाड़ी चलाने में अपना समय लें और दृश्यों का आनंद लें।


यदि आप एक सुंदर और साहसिक सड़क यात्रा की तलाश में हैं, तो चोरला घाट आपके लिए आदर्श स्थान है।


यहां चोरला घाट के बारे में कुछ अतिरिक्त विवरण दिए गए हैं:


     इस घाट का निर्माण 18वीं शताब्दी में पुर्तगालियों द्वारा किया गया था।

     1960 के दशक में घाट से होकर जाने वाली सड़क को चौड़ा और बेहतर बनाया गया था।

     यह घाट गोवा और कर्नाटक के बीच माल परिवहन करने वाले ट्रकों के लिए एक लोकप्रिय मार्ग है।

     घाट पर्यटकों के लिए भी एक लोकप्रिय मार्ग है, खासकर मानसून के मौसम के दौरान।

     चोरला घाट में कई होटल और रेस्तरां हैं, साथ ही कुछ स्मारिका दुकानें भी हैं।


चोरला घाट का इतिहास क्या है?


चोरला घाट का इतिहास लंबा और जटिल है। घाट का उपयोग सदियों से व्यापार मार्ग के रूप में किया जाता रहा है, और यह एक रणनीतिक सैन्य स्थान भी रहा है।


चोरला घाट का सबसे पहला ज्ञात उल्लेख 13वीं शताब्दी में मिलता है, जब इसका उपयोग देवगिरी के यादव राजवंश द्वारा किया जाता था। इस समय यादवों ने दक्कन के पठार के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण कर लिया था, और चोरला घाट उनके लिए देवगिरी में अपनी राजधानी को गोवा और कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण मार्ग था।


16वीं शताब्दी में, पुर्तगाली गोवा पहुंचे और चोरला घाट के माध्यम से एक सड़क का निर्माण शुरू किया। यह सड़क 17वीं शताब्दी में बनकर तैयार हुई और इसने पुर्तगालियों को गोवा और भारत के अंदरूनी हिस्सों के बीच व्यापार को नियंत्रित करने की अनुमति दी।


18वीं सदी में अंग्रेजों ने पुर्तगालियों से गोवा पर कब्ज़ा कर लिया और वे चोरला घाट को व्यापार मार्ग के रूप में इस्तेमाल करते रहे। अंग्रेजों ने इस क्षेत्र में कई किले भी बनवाए, जिनमें सदा किला भी शामिल है, जो चोरला घाट के शीर्ष के पास स्थित है।


1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद, चोरला घाट गोवा और कर्नाटक राज्यों के बीच एक सीमा पार बन गया। 1960 के दशक में घाट के माध्यम से सड़क को चौड़ा और बेहतर बनाया गया था, और अब यह दोनों राज्यों के बीच माल परिवहन करने वाले ट्रकों के लिए एक प्रमुख मार्ग है।


चोरला घाट भी एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, खासकर मानसून के मौसम के दौरान। यह घाट कई झरनों और मंदिरों का घर है, और यह पश्चिमी घाट के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है।


चोरला घाट का इतिहास समृद्ध और विविध है। घाट का उपयोग व्यापार मार्ग, रणनीतिक सैन्य स्थान और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में किया जाता रहा है। यह क्षेत्र के लंबे और जटिल इतिहास की याद दिलाता है।


चोरला घाट कितना लम्बा है?


चोरला घाट 35 किलोमीटर (22 मील) लंबा है। यह गोवा में वालपोई और कर्नाटक में मोल्लेम शहरों को जोड़ता है। घाट से होकर गुजरने वाली सड़क हेयरपिन मोड़ और हरी-भरी वनस्पतियों के साथ गोवा की सबसे सुंदर सड़कों में से एक है।


घाट का उच्चतम बिंदु समुद्र तल से 1,320 मीटर (4,330 फीट) ऊपर है। घाट एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, खासकर ट्रैकिंग और वन्य जीवन देखने में रुचि रखने वालों के लिए। घाट के किनारे कई झरने और दृश्य बिंदु हैं, साथ ही कई मंदिर और मठ भी हैं।


चोरला घाट की यात्रा का सबसे अच्छा समय मानसून के मौसम (जून से सितंबर) के दौरान है। यह तब होता है जब घाट अपने सबसे हरे-भरे स्थान पर होता है। हालाँकि, इस घाट पर साल के किसी भी समय जाया जा सकता है।


चोरला घाट गोवा में है या कर्नाटक में?


चोरला घाट गोवा और कर्नाटक दोनों में स्थित है। यह दो राज्यों के बीच की सीमा है। यह घाट गोवा के सत्तारी तालुका से शुरू होता है और कर्नाटक के बेलगावी जिले में समाप्त होता है। घाट का उच्चतम बिंदु दोनों राज्यों के बीच की सीमा पर है।


घाट एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, खासकर ट्रैकिंग और वन्य जीवन देखने में रुचि रखने वालों के लिए। घाट के किनारे कई झरने और दृश्य बिंदु हैं, साथ ही कई मंदिर और मठ भी हैं।


चोरला घाट की यात्रा का सबसे अच्छा समय मानसून के मौसम (जून से सितंबर) के दौरान है। यह तब होता है जब घाट अपने सबसे हरे-भरे स्थान पर होता है। हालाँकि, इस घाट पर साल के किसी भी समय जाया जा सकता है।


यहां कुछ चीजें दी गई हैं जो आप चोरला घाट में कर सकते हैं:


     ट्रैकिंग पर जाएं: चोरला घाट में आसान से लेकर कठिन तक कई ट्रैकिंग मार्ग हैं।

     भारत में चोरला घाट ट्रैकिंग ट्रेल एक नई विंडो में खुलता है


     भारत में चोरला घाट ट्रैकिंग ट्रेल

     झरनों की सैर करें: चोरला घाट में कई झरने हैं, जिनमें दूधसागर झरना भी शामिल है, जो भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है।

     भारत के चोरला घाट में दूधसागर जलप्रपात एक नई विंडो में खुलता है


     भारत के चोरला घाट में दूधसागर जलप्रपात

     पक्षियों को देखने जाएं: चोरला घाट पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। घाट में पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं।

     चोरला घाट, भारत में पक्षी अवलोकन एक नई विंडो में खुलता है


     चोरला घाट, भारत में पक्षी अवलोकन

     मंदिरों और मठों की यात्रा करें: चोरला घाट में कई मंदिर और मठ हैं, जिनमें महादेव मंदिर और मोल्लेम मठ शामिल हैं।

     भारत के चोरला घाट में महादेव मंदिर एक नई विंडो में खुलता है


     भारत के चोरला घाट में महादेव मंदिर

     दृश्यों का आनंद लें: चोरला घाट का दृश्य अत्यंत अद्भुत है। घाट पर गाड़ी चलाने में अपना समय लें और दृश्यों का आनंद लें।


यदि आप एक सुंदर और साहसिक सड़क यात्रा की तलाश में हैं, तो चोरला घाट आपके लिए आदर्श स्थान है।


प्रोफ़ाइल फोटो

चोरला घाट में कौन से जानवर हैं?

अन्य ड्राफ्ट देखें


चोरला घाट विभिन्न प्रकार के जानवरों का घर है, जिनमें शामिल हैं:


     बाघ: बाघ पश्चिमी घाट के शीर्ष शिकारी हैं। वे एक लुप्तप्राय प्रजाति हैं, और माना जाता है कि म्हादेई वन्यजीव अभयारण्य में केवल लगभग 50 बाघ बचे हैं, जो चोरला घाट में स्थित है।

     चोरला घाट में बाघ एक नई विंडो में खुलता है


     चोरला घाट में बाघ

     तेंदुए: चोरला घाट में तेंदुए भी पाए जाते हैं। वे बाघों से छोटे होते हैं और विभिन्न आवासों के लिए अधिक अनुकूल होते हैं।

     चोरला घाट में तेंदुआ एक नई विंडो में खुलता है


     चोरला घाट में तेंदुआ

     हाथी: हाथी भारत में सबसे बड़े भूमि जानवर हैं। वे चोरला घाट के जंगलों में पाए जाते हैं, लेकिन अवैध शिकार और निवास स्थान के नुकसान के कारण हाल के वर्षों में उनकी संख्या में गिरावट आई है।

     चोरला घाट में हाथी एक नई विंडो में खुलता है


     चोरला घाट में हाथी

     गौर: गौर भारत में सबसे बड़े जंगली मवेशी हैं। ये चोरला घाट के जंगलों में पाए जाते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में इनकी संख्या में भी गिरावट आई है।

     चोरला घाट में गौर एक नई विंडो में खुलता है


     चोरला घाट में गौर

     सांभर हिरण: सांभर हिरण भारत में सबसे आम हिरण हैं। ये चोरला घाट के जंगलों में पाए जाते हैं और इनकी संख्या अपेक्षाकृत स्थिर है।

     चोरला घाट में सांभर हिरण एक नई विंडो में खुलता है


     चोरला घाट में सांभर हिरण

     लंगूर: लंगूर एक प्रकार का बंदर है जो चोरला घाट के जंगलों में पाया जाता है। घाट में लंगूरों की कई अलग-अलग प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें काले चेहरे वाला लंगूर और बोनट मकाक शामिल हैं।

     चोरला घाट में लंगूर एक नई विंडो में खुलता है


     चोरला घाट में लंगूर

     पक्षी: चोरला घाट पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। घाट में पक्षियों की 200 से अधिक प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं, जिनमें मालाबार पाइड हॉर्नबिल, नीलगिरि लकड़ी कबूतर और भारतीय कोयल शामिल हैं।

     चोरला घाट में पक्षी एक नई विंडो में खुलते हैं


     चोरला घाट में पक्षी

     साँप: चोरला घाट में विभिन्न प्रकार के साँप भी पाए जाते हैं, जिनमें भारतीय कोबरा, रसेल वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर शामिल हैं। ये सांप जहरीले होते हैं, इसलिए घाट में सैर करते समय सावधानी बरतनी जरूरी है।

     चोरला घाट में सांप एक नई विंडो में खुलते हैं


     चोरला घाट में सांप


कृपया ध्यान दें कि चोरला घाट में किसी भी जानवर को परेशान करना या नुकसान पहुंचाना गैरकानूनी है। यदि आप किसी जानवर को देखते हैं, तो कृपया दूर से ही उसकी प्रशंसा करें और उसके पास न जाएँ।


क्या चोरला घाट में बाघ हैं?


हाँ, चोरला घाट में बाघ हैं। म्हादेई वन्यजीव अभयारण्य, जो चोरला घाट में स्थित है, लगभग 50 बाघों का घर है। बाघ पश्चिमी घाट के शीर्ष शिकारी हैं, और वे पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे अन्य जानवरों की आबादी को नियंत्रण में रखने में मदद करते हैं, और वे बीज फैलाने में भी मदद करते हैं।


चोरला घाट में बाघ एक नई विंडो में खुलता है



हालाँकि, बाघ एक लुप्तप्राय प्रजाति है और उनकी संख्या घट रही है। बाघों के लिए मुख्य खतरा अवैध शिकार और निवास स्थान का नुकसान है। शिकारी बाघों को उनके फर और हड्डियों के लिए मार देते हैं, जिनका उपयोग पारंपरिक चीनी चिकित्सा में किया जाता है। पर्यावास की हानि एक समस्या है क्योंकि इससे बाघों के रहने के लिए जगह की मात्रा कम हो जाती है।


भारत सरकार बाघों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रही है। सरकार ने कई बाघ अभ्यारण्य बनाए हैं, और इसने पारंपरिक चीनी चिकित्सा में बाघ के अंगों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। हालाँकि, यदि बाघों को जंगल में जीवित रहना है तो उनकी सुरक्षा के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।


यदि आप चोरला घाट जाने की योजना बना रहे हैं, तो बाघों की उपस्थिति के बारे में जागरूक होना जरूरी है। अगर आपको बाघ दिखे तो उसके पास न जाएं। बाघ जंगली जानवर हैं और वे खतरनाक हो सकते हैं। दूर से ही उनकी प्रशंसा करना सबसे अच्छा है।


क्या चोरला घाट बेहतर है या अंबोली?


चोरला घाट और अंबोली घाट दोनों भारत के पश्चिमी घाट में स्थित पहाड़ी दर्रे हैं। वे दोनों लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं, और वे आसपास के पहाड़ों और जंगलों के शानदार दृश्य पेश करते हैं।


चोरला घाट दोनों घाटों में से छोटा है, जो 35 किलोमीटर (22 मील) लंबा है। यह दोनों में से अधिक लोकप्रिय है, और यह अक्सर यातायात से भीड़भाड़ वाला होता है, खासकर मानसून के मौसम के दौरान। चोरला घाट से होकर जाने वाली सड़क अच्छी स्थिति में है, लेकिन यह संकरी और घुमावदार है, इसलिए इस पर गाड़ी चलाना एक चुनौती हो सकती है, खासकर अनुभवहीन ड्राइवरों के लिए।

भारत में चोरला घाट एक नई विंडो में खुलता है


भारत में चोरला घाट


अंबोली घाट 46 किलोमीटर (29 मील) लंबा है। यह चोरला घाट से भी कम लोकप्रिय है, और अंबोली घाट से होकर जाने वाली सड़क का रखरखाव उतना अच्छा नहीं है। हालाँकि, अंबोली घाट चोरला घाट की तुलना में कम भीड़भाड़ वाला है, और यह अधिक सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है।


भारत में अंबोली घाट


अंततः, आपके लिए सबसे अच्छा घाट आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा। यदि आप अच्छी सड़क की स्थिति वाले छोटे और अधिक लोकप्रिय घाट की तलाश में हैं, तो चोरला घाट बेहतर विकल्प है। यदि आप अधिक सुंदर दृश्यों के साथ लंबे और कम भीड़-भाड़ वाले घाट की तलाश में हैं, तो अंबोली घाट बेहतर विकल्प है।


यहां दोनों घाटों की तुलना करने वाली एक तालिका दी गई है:

विशेषता चोरला घाट अंबोली घाट

लंबाई 35 किलोमीटर (22 मील) 46 किलोमीटर (29 मील)

लोकप्रियता अधिक लोकप्रिय कम लोकप्रिय

सड़क की स्थिति अच्छी है, रखरखाव भी उतना अच्छा नहीं है

यातायात भीड़भाड़, विशेषकर मानसून के मौसम के दौरान कम भीड़भाड़

दृश्य मनोरम, लेकिन अम्बोली घाट जितना मनोरम नहीं, अधिक दर्शनीय


चोरला घाट के निकट कौन सा स्टेशन है?


चोरला घाट के निकटतम रेलवे स्टेशन गोवा में थिविम रेलवे स्टेशन और कर्नाटक में बेलगाम रेलवे स्टेशन हैं। थिविम रेलवे स्टेशन चोरला घाट से 35 किलोमीटर (22 मील) दूर है, और बेलगाम रेलवे स्टेशन 60 किलोमीटर (37 मील) दूर है।


यहां चोरला घाट से निकटतम रेलवे स्टेशनों की विस्तृत दूरी दी गई है:


     थिविम रेलवे स्टेशन: 35 किलोमीटर (22 मील)


     भारत में थिविम रेलवे स्टेशन एक नई विंडो में खुलता है


     भारत में थिविम रेलवे स्टेशन

     बेलगाम रेलवे स्टेशन: 60 किलोमीटर (37 मील)

     भारत में बेलगाम रेलवे स्टेशन एक नई विंडो में खुलता है



यदि आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं, तो आप थिविम या बेलगाम तक ट्रेन ले सकते हैं और फिर चोरला घाट तक टैक्सी या बस ले सकते हैं। दोस्तों आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा। धन्यवाद ।


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